विश्व पर्यावरण दिवस
लो ! आ गया फिर से
पर्यावरण दिवस
वो आएँगे
एअरकण्डीशंड
महँगी गाड़ियों से
एअरकंडीशन्ड हाल में
लम्बा लेक्चर देंगे
एक पौधा हाथ में लेकर
फोटो खिँचवाएँगे
और जाते समय
छोड़ जाएँगे
दोना-पत्तलों का प्लास्टिक कचरा ।
पौधा लगाना और बचाना
तो गरीब मजदूर और किसान का काम है
वही डरेगा पीपल काटनें से
पर्यावरण बचानें का ठेका
बस गरीब और
विकासशील देशों नें ले रखा है
पालीथीन कम्पनियाँ तो बड़े लोगों की है
हाँ गरीब का उसमें कुछ बेचना अपराध है ।
ग्रीन हाउस गैसों का धुआँ उडाएँगे वो
और खामियाजा भुगतेंगे सभी
पर्यावरण असंतुलन का ।
नन्हीं गोरैया
बया
दीखती नहीं अब
वही क्यों
मैना,टिटहरी और हंस
गीधराज जटायू के वंशज
धनेश,कठफोड़वा आदि
इनके चित्र मिलते
बस किताबों में
एक दिन से हो नहीं सकता
पर्यावरण संरक्षित
तो क्यों न मनायें रोज
पर्यावरण दिवस ।।।
©अनुरोध कुमार श्रीवास्तव
Virendra Pratap Singh
07-Jun-2021 01:38 PM
Great. Salute to you and your poetry.
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